¡Sorpréndeme!

कौन किसी की सुनता है || आचार्य प्रशांत (2018)

2019-12-01 2 Dailymotion

वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग,
२३ दिसंबर, २०१८
जयपुर

प्रसंग:

क्या हम संतों के वचनों को भी अपने हिसाब से सुनते हैं?
संतों के वचन सुनकर भी हम बदल क्यों नहीं पाते?
संतों के वचन हमें द्रवित क्यों कर देते हैं?
क्या हमें वास्तव में सुनना आता है?
अपनी धारणा के विरुद्ध कुछ भी सुनना बुरा क्यों लगता है?

संगीत: मिलिंद दाते